आग सीने मे लगी हो,
धुआं न बन पाएगा।
प्यार की हर किश्तीयों में,
साहिल नजर आ जाएगा।
हमसफर .................. । (1)
रहा गर्दिश सफर कोई,
गर्दिशे हवा मे उड जाएगा।
शरद कैसा बरसात कैसी?
ग्रीष्म उडता जाएगा।
हमसफर….................। (2)
खुश रहेगा दिल सदा ही,
आबाद करता जाएगा।
नशा हर पल नजर का हो,
दिल जिगर शोखी पाएगा।
हमसफर............….....। (3)
जवां दिल हो या बुढापा,
बोझ ना बन पाएगा।
'अनिल' कहता हर गली मे,
मस्त मौला गाएगा।
हमसफर.....................। (4)
~ अनिल कुमार बरनवाल
17.09.2018
धुआं न बन पाएगा।
प्यार की हर किश्तीयों में,
साहिल नजर आ जाएगा।
हमसफर .................. । (1)
रहा गर्दिश सफर कोई,
गर्दिशे हवा मे उड जाएगा।
शरद कैसा बरसात कैसी?
ग्रीष्म उडता जाएगा।
हमसफर….................। (2)
खुश रहेगा दिल सदा ही,
आबाद करता जाएगा।
नशा हर पल नजर का हो,
दिल जिगर शोखी पाएगा।
हमसफर............….....। (3)
जवां दिल हो या बुढापा,
बोझ ना बन पाएगा।
'अनिल' कहता हर गली मे,
मस्त मौला गाएगा।
हमसफर.....................। (4)
~ अनिल कुमार बरनवाल
17.09.2018