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Thursday, September 20, 2018

खुल के सदा ही प्यार करो

कभी उसको नजरअंदाज न करो,
जो आपकी परवाह करता है।
कभी दिल मे मलाल न करो,
क्योंकि दिल शर्मसार भी रहता है।
मिलो तो खुलकर मिलो,
क्योंकि तभी मिलने का इन्तज़ार रहता है।
कहतें है जिन्दगी चार दिन की,
दो दिन गुबार में निकाल दिए,
तो बचता क्या है?
इसलिए जिओ तो खुलके जिओ,
खुलने में लगता क्या है,
आज है,कल का क्या?
परसो कौन देगा भरोसा?
वक्त बेवक्त कुछ तो ख्याल करो।
अपने जीवन से,
गर आऐ हो इस दुनिया में,
बेइन्तहां,
खुल के सदा ही प्यार करो।
खुल के सदा ही प्यार करो।

~ अनिल कुमार बरनवाल
20.09.2018