आज अश्को में नहा लीजिए,
कल सुबह होगी तो कुछ बात होगी।
दर्द दिल का कुछ तो बता दीजिये,
गम निपट जाए तो कुछ बात होगी।
लोग बेवजह नशा ढूंढते है शराब में,
मस्त आंखो में पिया कीजिए तो कुछ बात होगी।
मय्यते जहान में क्यूं घुटा करते हैं,
जिन्दा जहान में निपट लें तो कुछ बात होगी।
आप रोएं रूला न ले औरों को,
रोनी सूरत को हंसा दे तो कुछ बात होगी।
कल बिछडेंगे आज तो मिल बैठें,
आज के सुख मे कल का शोक भूला दें तो कुछ बात होगी।
~ अनिल कुमार बरनवाल
12.09.2018
कल सुबह होगी तो कुछ बात होगी।
दर्द दिल का कुछ तो बता दीजिये,
गम निपट जाए तो कुछ बात होगी।
लोग बेवजह नशा ढूंढते है शराब में,
मस्त आंखो में पिया कीजिए तो कुछ बात होगी।
मय्यते जहान में क्यूं घुटा करते हैं,
जिन्दा जहान में निपट लें तो कुछ बात होगी।
आप रोएं रूला न ले औरों को,
रोनी सूरत को हंसा दे तो कुछ बात होगी।
कल बिछडेंगे आज तो मिल बैठें,
आज के सुख मे कल का शोक भूला दें तो कुछ बात होगी।
~ अनिल कुमार बरनवाल
12.09.2018
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