Thursday, September 13, 2018

जीवन

आज मिले कल बिछड जाएगें।
जीवन - फलसफा कंहा पाएंगे?
मौत भी एक इम्तिहान है यारों।
जिन्दगी भर कहाँ समझ पाएंगे?

~ अनिल कुमार बरनवाल
03.09.2018

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